एक विधवा कार्यकर्ता के साथ खेल कर रहा है महिला बाल विकास परियोजना लैलूँगा… 

एक विधवा कार्यकर्ता के साथ खेल कर रहा है महिला बाल विकास परियोजना लैलूँगा… 



लैलूंगा/ लैलूँगा नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 07 में एक असहाय विधवा महिला जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत है जिनका नाम श्रीमती सोनकुंवर सारथी है महिला अनुसूचित जाति समुदाय से है लगभग 13 वर्ष पहले महिला के पति सोहन राम का स्वर्गवास हो गया है पति के स्वर्गवास बाद श्रीमती सोनकुंवर सारथी का महिला बाल विकास विभाग लैलूँगा के वार्ड 8 में सहायिका के पद पर नियुक्ति हुआ सहायिका के पद में 11 साल पूर्ण होने बाद महिला बाल विकास विभाग परियोजना में पदस्थ बलभद्र पैंकरा द्वारा सोनकुंवर सारथी से वार्ड 07 हेतु कार्यकर्ता पद पर आवेदन मांगा गया उसके बाद समस्त दस्तावेज के साथ श्रीमती सोनकुंवर ने आवेदन कार्यालय में जमा किया उसके बाद आवेदन जांच पड़ताल होने बाद पात्र पाये बाद में श्रीमती सोनकुंवर को वार्ड 7 में कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नत दिया गया तब से सोनकुंवर वार्ड 7 में कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत है बहुंत लंबे समय बाद समय अवधि निकलने बाद SDM कार्यलय में श्रीमती राधा डहरिया ने  श्रीमती सोनकुंवर के पदोन्नति पर आपत्ति दर्ज कराई कई महीनों  अपील का समय अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी SDM न्यायलय द्वारा श्रीमती राधा डहरिया का अपील स्वीकार किया गया कुछ दिन बाद श्रीमती सोनकुंवर जिसको पात्र समझ कर महिला बाल विकास विभाग द्वारा पदोन्नति दिया गया था उसे SDM न्यायलय द्वारा निरस्त कर दिया गया है और महिला बाल विकास विभाग द्वारा वार्ड 8 में अन्य महिला का कार्यकर्ता में 20 नवम्बर को नियुक्ति दे दिया गया जबकि महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी को मालूम था कि सोनकुंवर सारथी कार्यकर्ता के पद के लिये पात्र है अब सोनकुंवर वार्ड 07 में कार्यकर्ता के पद से जा रही है और उसका जंहा कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति हो गया था जिसे SDM न्यायलय अनुसार वंहा महिला बाल विभाग द्वारा अन्य महिला की नियुक्ति कर दिया गया है

*13 साल से कार्यरत विधवा महिला को पदोन्नति के बाद कैसे किए निरस्त समझें मामला*

आपको ज्ञात हो कि सोनकुवर सारथी के पति का 13 वर्ष पहले स्वर्गवास हो गया है। विधवा महिला सोनकुवर पति के स्वर्गवास के बाद अपने 4 बच्चों का पालन पोषण उसी नौकरी के भरोसे कर रही है अब इस वाक्या को समझने के बाद इसे किस्मत कहे या प्रशासन की हेराफेरी एक विधवा गरीब असहाय महिला अब किसके पास न्याय के लिये गुहार लगाएगी महिला बाल विकास विभाग द्वारा वार्डो का हवाला देकर सहायिका से कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति देकर लगभग 18 माह कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति देने के बाद विलंब से श्रीमती राधा डहरिया के अपील एसडीएम न्यायालय द्वारा स्वीकार कर लिया गया है जिसके बाद सोनकुंवर सारथी जो एक विधवा महिला को पदोन्नति से निरस्त किया गया है आखिर इसके जिम्मेदार कौन होगा आज विधवा महिला को चार बच्चों का पालन पोषण करना है क्या उसकी स्थिति को किसी ने गौर नहीं किया महिला किस तरह से प्रशासन से प्रताणित हुई है जब महिला अपात्र के श्रेणी में थी तो पदोन्नति कियू दिया गया और 18 महीने पद में कार्यरत रहने के बाद समयावधि से विलंब के अपील पर पद से निरस्त किया गया है जो कि यह मामला जांच का विषय है

*क्या इस मामले की निष्पक्षता के साथ जांच होगी*

सोनकुवर को पदोन्नति देकर 18 महीना बाद निरस्त कर देना कहा तक न्याय संगत है विधवा महिला के साथ प्रशासन ने खिलवाड़ किया हैं जिसमें एसडीएम लैलूंगा की भूमिका संदिग्ध है आपको बता दे कि सोनकुंवर सारथी की नियुक्ति सहायिका के पद पर हुई तो सोनकुंवर सारथी वार्ड नंबर 7 की निवासी थी जहां वार्ड नंबर 8 के कुछ हिस्सा वार्ड नंबर 7 में आता था जिसके आधार पर उसकी नियुक्ति की गई थी 2018 में जब नगर प्रशासन द्वारा वार्डो का परिसीमन किया गया तो वार्ड नंबर 8 अलग हो गया और वार्ड नंबर 7 यथावत रखा गया जिसमें सोनकुंवर सारथी 11 वर्ष तक सहायिका के पद पर कार्य करती रही जिसे 18 माह पूर्व पदोन्नति की गई 18 महीना कार्यकर्ता के पद नौकरी करने के बाद अचानक नियम कानून को ताक में रख कर राधा डहरिया के अपील पर निरस्त कर दिया गया जिसमें लैलूंगा sdm ने मामले को बिना जांच के निरस्त कर दिया गया है जिसको लेकर एसडीएम के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है अब इस निरस्त के बाद महिला न्यायालय के शरण में याचिका दायर करने वाली है

*क्या कहते है अधिकारी*

पदोन्नति में विभाग के द्वारा कहीं ना कहीं चुक हुई है तभी एसडीएम कार्यालय लैलूंगा द्वारा पदोन्नति को को निरस्त किया गया है।

एल.आर.कक्षप
परियोजना अधिकारी

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