भाजपा का ’मनीष’ पर दांव,जीत की चाबी हो सकती है साबित….

भाजपा का ’मनीष’ पर दांव,जीत की चाबी हो सकती है साबित,

इधर मनीष की दावेदारी से कांग्रेस खेमे में बढ़ी मुश्किलें




लैलूंगा– नगर पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक द्वंद प्रारम्भ हो चुकी है, सतासीन भाजपा के पास दावेदारों की लंबी फेहरिस्त बनी हुई है वही कांग्रेस में चुनिंदा नाम ही नजर आ रही है। लैलूंगा के राजनीतिक फिजा की बात करे तो पूरे विकासखंड सहित नगर पंचायत क्षेत्र में मित्तल परिवार का राजनीतिक वर्चस्व शुरू से रहा है,या यूं कहें यहां की राजनीतिक धुरी मित्तल परिवार के इर्द गिर्द ही घूमती है।नगर पंचायत चुनाव में इस बार कांग्रेस के तिलिस्म को तोड़ने के लिए एक चेहरा जो  फिलहाल नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है वह नाम हैं भाजपा के स्वच्छ छबि के दावेदार मनीष मित्तल का, बचपन से ही भाजपा में अटूट आस्था रखने वाले मनीष मित्तल समाजसेवी होने के साथ इनकी व्यवहार कुशलता नगर में किसी परिचय का मोहताज नही है,इनकी कार्यशैली, मिलनसार व मृदुभाषी छबि होने के साथ साथ  वे शिक्षित भी है शिक्षण पश्चात वे  आई ए एस की मुख्य परीक्षा में शामिल हो चुके है उनकी समाजसेवी विचारधारा के कारण नगर के संपन्न और गरीब तबके के लोग भी इनसे खासा प्रभावित रहते है । पिछले एक दशक से नगर में काबिज कांग्रेस को कुर्सी से उतारने सत्तासीन भाजपा नगर अध्यक्ष की सीट इस बार किसी भी हालत में नहीं गंवाना नहीं चाहती हालांकि भाजपा के पास कई दिग्गज चेहरे दावेदारो में शामिल है परंतु इस बार नगर में भाजपा को परचम लहराने के लिए प्रत्याशी चयन चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
           मित्तल परिवार के युवा चेहरा की एंट्री के बाद से ही कांग्रेस अंदरखाने में हलचल मच गई है भाजपा और कांग्रेस के रणनीतिकारो की माने तो मनीष मित्तल भाजपा के लिए जीत की चाबी साबित हो सकते है। नगर पंचायत में कांग्रेस के अभेदगढ़ रूपी किले को ध्वस्त करने के लिए मनीष मित्तल को प्रत्याशी बनाना कही न कही कांग्रेस खेमे में चिंता का विषय बनी हुई है  जिसका मुख्य कारण पूरे 15वार्डों में मनीष के प्रति आमजनों का प्यार व विश्वास कायम है जो भाजपा को निश्चित जीत दिला सकती है फिलहाल चुनाव की तिथि और प्रत्याशी चयन जैसे कई प्रक्रिया अभी बाकी है दोनो  राजनीतिक दल किसको मैदान में उतारेगी नगर की जनता प्रतीक्षा कर रही है।

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