विकट परिस्थिति में समाज और देश के लिए हमेशा खड़ी होकर नर्सें बनाई हैं मुक्कमल पहचान….

विकट परिस्थिति में समाज और देश के लिए हमेशा खड़ी होकर नर्सें बनाई हैं मुक्कमल पहचान….


– समर्पण और त्याग नर्सों की भूमिका को बनाता है महान
– स्वास्थ्य विभाग और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
– 12 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
लैलूँगा। नगर पंचायत लैलूँगा स्थित मंगल भवन में स्वास्थ्य विभाग और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में बीएमओ धरमसाय पैंकरा, बीपीएम अश्वनी कुमार साय, विकास खंड शिक्षा अधिकारी एस.आर. सिदार, मुकडेगा परियोजना की सेक्टर सूपर्वाइज़र रामा कोरी मौजूद रहें। कार्यक्रम का मंच संचालन स्वास्थ्य विभाग के आरएचओ पंकज एक्का ने किया। कार्यक्रम में राजपुर, मुकडेगा, लारिपानी पीएचसी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लैलूँगा की कर्मी उपस्थित थें। इस साल की थीम हमारी नर्सें। हमारा भविष्य। नर्सों की देखभाल से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है ” विषय पर चर्चा हुई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीएमओ धरमसाय पैंकरा ने अपने क्षेत्र में नर्सों के कार्यों को सराहते हुए कहा कि नर्स, सेवा-भाव के लिए जानी जाती हैं। विकट परिस्थित में देश और समाज के लिए खड़ा होकर हमेशा ही नर्सों ने अपनी मुक्कमल पहचान बनाई है। विकास खंड शिक्षा अधिकारी एस.आर. सिदार ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य एक साथ चलने वाली प्रक्रिया है, स्वास्थ्य यदि ठीक नहीं रहे तो शिक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। बीपीएम अश्वनी कुमार साय ने कहा कि जब एक नर्स अपने दायित्वों का निर्वहन करती हैं, तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से कई चीजों का समर्पण और त्याग करना पड़ता है। इसलिए नर्सों की भूमिका और उनका कर्तव्य उन्हें महान बनाता है। इस अवसर पर कई नर्सों ने अपने जीवन के अनुभव को साझा किया। तत्पश्चात सभी नर्सों ने केक काटकर इस दिवस का उत्सव मनाया। सभी एक दूसरों को बधाइयाँ भी दी। कार्यक्रम में क्विज़ और खेल का आयोजन भी किया गया था। जिसमें सभी लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उल्लेखनीय है कि यह दिन आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती को मान्यता देता है, और इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर नर्सों की स्वीकृति, समर्थन और समावेश को प्रोत्साहित करते हुए अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति पर पेशे के प्रभाव को मान्यता देना है। इस अवसर पर कोडसिया सेक्टर सूपर्वाइज़र संतोषी चौहान, बिरसिंघा की सेक्टर सूपर्वाइज़र रीना, लैलूँगा ग्रामीण की सेक्टर सूपर्वाइज़र सदमती चौहान आदि लोग उपस्थित रहें।

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