लैलूंगा जंगल बना मौत का सबब: हाथी-सुअर के हमलों में दो ग्रामीणों की दर्दनाक मौत, परिजनों को मिला 6-6 लाख मुआवजा….

लैलूंगा जंगल बना मौत का सबब: हाथी-सुअर के हमलों में दो ग्रामीणों की दर्दनाक मौत, परिजनों को मिला 6-6 लाख मुआवजा….



लैलूंगा (रायगढ़)। वन परिक्षेत्र लैलूंगा के जंगलों में वन्यप्राणियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में जंगली हाथी और सुअर के हमलों में दो ग्रामीणों की जान चली गई। प्रशासन ने संवेदना जताते हुए परिजनों को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की, लेकिन यह सवाल जरूर खड़ा हो गया है कि कब तक ग्रामीणों की जान यूं ही जंगल में गंवाते रहेंगे?

खेत की रखवाली कर रहे बुजुर्ग की हाथी के हमले में दर्दनाक मौत

घटना ग्राम सकरलिया, तहसील धरमजयगढ़ के निवासी सुकसाय राठिया (उम्र 55 वर्ष) के साथ 14 दिसंबर 2024 को हुई। वह लारीपानी बाजार से लौटते समय जंगल के रास्ते अपने घर जा रहे थे। आमापली परिसर के कक्ष क्रमांक 176 आर.एफ. के पास उनका सामना एक जंगली हाथी से हो गया। हाथी ने अचानक हमला कर दिया जिससे सुकसाय की मौके पर ही मौत हो गई।

इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जांच-पड़ताल कर आवश्यक दस्तावेज तैयार किए गए। मामला नियमानुसार धरमजयगढ़ वनमण्डल कार्यालय भेजा गया।

वनमण्डलाधिकारी जितेन्द्र कुमार उपाध्याय (भा.व.से.) ने आदेश क्रमांक व.प्रा./जनहानि/169/2025 दिनांक 28.05.2025 के तहत सुकसाय राठिया के परिजनों को ₹6,00,000 (छः लाख रुपये) की सहायता राशि स्वीकृत की। पूर्व में तत्कालिक सहायता के रूप में ₹25,000 मृतक की पत्नी बिन्दु राठिया को दिए जा चुके थे। शेष ₹5,75,000 की राशि का चेक जनपद पंचायत लैलूंगा की जनपद अध्यक्ष ज्योति भगत के करकमलों से 19 जून 2025 को प्रदान किया गया।

इस अवसर पर संयुक्त वनमण्डलाधिकारी मकर लाल सिदार, वन परिक्षेत्र अधिकारी सूर्यकांत नेताम, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी नागेन्द्र दत्त मिश्रा सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

जंगली सुअर के हमले ने छीनी युवा की जिंदगी

एक अन्य घटना ग्राम आमापाली के नरसिंह पटेल (उम्र लगभग 32 वर्ष) के साथ हुई। वह किसी काम से जंगल में था, जहां अचानक एक जंगली सुअर ने उस पर हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल नरसिंह की वहीं मौत हो गई।

वन विभाग ने इस मामले को भी गंभीरता से लेते हुए नियमानुसार जांच की और मृतक की मां तारावती पटेल को ₹6,00,000 (छः लाख रुपये) की आर्थिक सहायता राशि का चेक सौंपा। यह चेक भी जनपद पंचायत लैलूंगा की अध्यक्ष ज्योति भगत द्वारा प्रदान किया गया।

स्थानीयों में दहशत, सुरक्षा की उठी मांग

लगातार हो रही इन घटनाओं से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। लोग अब जंगल में जाने से डरने लगे हैं, जबकि अधिकांश की जीविका जंगलों से जुड़ी हुई है। ग्रामीणों ने वन विभाग और शासन से जंगल क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने, चेतावनी संकेत लगाने और वन्यप्राणियों से सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने की मांग की है।

वन विभाग की अपील

वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि जंगल के भीतर जाते समय सतर्क रहें, अकेले न जाएं और वन्यप्राणियों के व्यवहार पर ध्यान दें। किसी भी आपात स्थिति में तत्काल वन अमले को सूचित करें।

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