पत्रकार को धमकाने का मामला: पटवारी संगीता गुप्ता से जुड़ी खबर न छापने का बनाया जा रहा दबाव, जान से मारने की धमकी….


लैलूंगा, रायगढ़ | 26 जून 2025
प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करते हुए लैलूंगा में एक पत्रकार को लगातार धमकियां मिलने का मामला सामने आया है। पत्रकार चंद्रशेखर जायसवाल, जो प्रेस क्लब लैलूंगा के अध्यक्ष भी हैं, ने थाना लैलूंगा में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उन्हें पटवारी संगीता गुप्ता से संबंधित खबर न छापने के लिए एक अज्ञात नंबर से धमकी भरी कॉल आई।
शिकायत के अनुसार, दिनांक 25 जून 2025 को दोपहर 3:01 बजे पत्रकार चंद्रशेखर के मोबाइल नंबर 9165043133 पर एक कॉल आया, जो मोबाइल नंबर 7489711260 से किया गया था। कॉल पर एक व्यक्ति ने खुद को संगीता गुप्ता का समर्थक बताते हुए उनसे खबर न छापने की मांग की। पत्रकार के द्वारा इनकार करने पर उस व्यक्ति ने न केवल अश्लील गालियाँ दीं, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी।
इस कॉल के तुरंत बाद, उसी नंबर से पांच अलग-अलग व्यक्तियों ने बात की और खुद का नाम बताते हुए पत्रकार को धमकाया। इन लोगों ने ब्लॉक कार्यालय के पास बुलाकर शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। जिन नामों का उल्लेख पत्रकार ने अपनी लिखित शिकायत में किया है, वे निम्नलिखित हैं:
1. संजय भगत (पटवारी)
2. योगेन्द्र सोनवानी
3. राजेश शर्मा (निवासी रगड़ी)
4. स्तुघन भगत (ग्राम झरण)
5. राहुल सारथी (इंद्रानगर)
चंद्रशेखर जायसवाल ने कहा कि इन धमकियों ने उन्हें और उनके परिवार को मानसिक रूप से भयभीत कर दिया है। “मैं पेशे से पत्रकार हूं और मेरी जिम्मेदारी है कि मैं जनहित की बातों को सामने लाऊं। लेकिन इस तरह के दबाव और जानलेवा धमकियाँ प्रेस की आज़ादी पर हमला हैं,” उन्होंने कहा।
पत्रकार ने यह भी उल्लेख किया कि उनका कार्यक्षेत्र व्यापक है और उन्हें अक्सर सरकारी कार्यालयों व सार्वजनिक स्थलों पर जाना पड़ता है। इन धमकियों के चलते अब उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा संकट में पड़ गई है। उन्होंने थाना प्रभारी से मांग की है कि आरोपित व्यक्तियों पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि वे निर्भय होकर पत्रकारिता कर सकें।
चंद्रशेखर जायसवाल ने यह भी बताया कि उनके पास कॉल डिटेल मौजूद हैं, जो जांच में प्रस्तुत की जा सकती हैं। इस घटना ने न केवल लैलूंगा में, बल्कि पूरे रायगढ़ जिले में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
प्रेस क्लब लैलूंगा सहित क्षेत्र के कई पत्रकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन से तत्काल सख्त कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर पत्रकारों की आवाज़ को इस तरह दबाने की कोशिशें होती रहीं, तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कमजोर हो जाएगा।
अब यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं। जनता और पत्रकार जगत दोनों की नजरें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।

EDITOR – EXPOSE36LIVE
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